ये मेरी दिवाली है
आज ये किसकी दिवाली है ,ये मेरी दिवाली है जलेबी ,पेड़े और मिठाईया मुझे भी खानि है लेकिन दुकानों में रखे मिठाईयो से नजरे मिलायी है ये किसकी दिवाली है , ये मेरी दिवाली है पटाखे ,फुलझरिया और चिरागे मुझे भी जलानी है लेकिन मेने उन पटाखों को दुकानों में रखे डब्बो से बाहर मुझसे नजरे मिलाते पायी है हर दीवाल ,हर कोठरी ,हर गालियाँ पर फैली रौशनी की बहाली ही बहाली जिधर देखो रौशनी उजली है ,पर यह मेरी दीवाल बिना लिपे हे खली है है ये मेरी दिवाली है कुछ पैसे है . ५,६ कुछ दियों को ख़रीदे है पर माँ कहती है वो तेल दियों में जलाएंगे तो सब्जी कैसे बनाएंगे पुराने हलके खींचे,हलके फटे हे कुछ कपडे माँ ने कहि से लायी पर अब वो अच्छे है उनपे माँ ने कर दी सिलाई है मेने अभी तक ऐसे ही हर दिवाली शो कर बिताये है या ये मेरी दिवाली है अगले सुबह मेने कुछ पटाखे और न जली फुलझड़ियाँ चुन कर लायी है अब तो मेरी उसी में दिवाली है .